अटलसेतु में कोई दरार नहीं, कांग्रेस के भ्रष्ट आचरण को जनता करेगी परास्त: देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने शुक्रवार को अतुल सेतु में आई दरारों का निरीक्षण करते हुए भाजपा और मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है। पटोले ने दावा किया कि पुल के निर्माण की गुणवत्ता खराब है और सड़क का एक हिस्सा एक फुट तक धंसा हुआ है, इससे लोगों के जान को खतरा हो सकता है।

अटलसेतु में कोई दरार नहीं, कांग्रेस के भ्रष्ट आचरण को जनता करेगी परास्त: देवेंद्र फडणवीस
अटलसेतु में कोई दरार नहीं, कांग्रेस के भ्रष्ट आचरण को जनता करेगी परास्त: देवेंद्र फडणवीस

मुंबई : महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने शुक्रवार को अतुल सेतु में आई दरारों का निरीक्षण करते हुए भाजपा और मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है। पटोले ने दावा किया कि पुल के निर्माण की गुणवत्ता खराब है और सड़क का एक हिस्सा एक फुट तक धंसा हुआ है, इससे लोगों के जान को खतरा हो सकता है।

कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि "नरेंद्र मोदी ने 6 महीने पहले अटल सेतु का उद्घाटन किया था। खूब प्रचार हुआ, खूब फोटो क्लिक हुई। अब खबर है कि 18 हजार करोड़ में बने अटल सेतु में दरार आ गई। यह साफ तौर से भ्रष्टाचार का मामला है।" पटोले के दावे और कांग्रेस के पोस्ट के तुरंत बाद सरकारी अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया और स्पष्ट किया कि दरारें वास्तव में पुल को शहर से जोड़ने वाली सर्विस रोड पर थी। अब इस मसले पर सियासत गर्म हो गई है।

 नाना पटोले के दावे पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि 'अटलसेतु में न तो कोई दरार, न ही अटलसेतु को कोई खतरा है। ये तस्वीर एप्रोच रोड की है, लेकिन एक बात साफ है कि कांग्रेस पार्टी ने झूठ के सहारे 'दरार' का एक लम्बा प्लान बना लिया है। चुनाव में संविधान संशोधन की बातें, चुनाव के बाद फोन से ईवीएम अनलॉक और अब ऐसी झूठीं बातें। देश की जनता ही इस 'दरार' प्लान और कांग्रेस की भ्रष्ट आचरण को परास्त करेगी।' 21.8 किलोमीटर लंबे इस समुद्री पुल को अटल सेतु के नाम से भी जाना जाता है।

इसका उद्घाटन इस साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। देश का सबसे लंबा समुद्री पुल माने जाने वाले इस पुल को बनाने में 17,840 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आई है। इस पुल का उद्देश्य मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे दोनों के बीच संपर्क बढ़ाना है, इससे मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत तक यात्रा का समय कम हो जाता है।