मिडिल ईस्ट में बढ़ते संघर्ष के बीच इजरायल और ईरान के बीच तनाव
मिडिल ईस्ट इस वक्त एक बड़े युद्ध की ओर बढ़ रहा है। 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई लड़ाई अब एक आक्रामक रूप ले चुकी है। इजरायल कई मोर्चों पर अपने दुश्मनों से जूझ रहा है और उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। इजरायली सेना के अनुसार, लेबनान से उत्तरी इजरायल पर 240 से अधिक रॉकेट दागे गए हैं।

मिडिल ईस्ट इस वक्त एक बड़े युद्ध की ओर बढ़ रहा है। 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई लड़ाई अब एक आक्रामक रूप ले चुकी है। इजरायल कई मोर्चों पर अपने दुश्मनों से जूझ रहा है और उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। इजरायली सेना के अनुसार, लेबनान से उत्तरी इजरायल पर 240 से अधिक रॉकेट दागे गए हैं।
इजरायल के पूर्व राजदूत का बयान
भारत में इजरायल के पूर्व राजदूत डैनियल कार्मोन ने कहा, "इजरायल सात मोर्चों पर संघर्ष कर रहा है- हुति, इराक, वेस्ट बैंक, सीरिया, हमास, हिजबुल्लाह और ईरान। यह एक कठिन स्थिति है, लेकिन हम अपनी क्षमताओं के कारण जीत रहे हैं। हमारे पास एक मजबूत सेना, डिफेंस सिस्टम, और पार्टनर हैं। अमेरिका जैसे देशों ने हमारी मदद की है।"
उन्होंने आगे कहा कि यह लड़ाई केवल एक संघर्ष नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है कि उदारवादी देश "बुराइयों की धुरी" का मुकाबला करने के लिए एकजुट होकर "शांति की धुरी" बना सकते हैं।
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ईरान को किन देशों से मिल रही है मदद?
पूर्व राजदूत कार्मोन ने यह भी बताया कि ईरान किन देशों से समर्थन प्राप्त कर रहा है। उनके अनुसार, तुर्किए, रूस, चीन, लेबनान, और यमन जैसे देश ईरान की 'बुराइयों की धुरी' का हिस्सा हैं। इसमें हमास और हिजबुल्लाह जैसे संगठन भी शामिल हैं, जो इस संघर्ष में सक्रिय रूप से शामिल हैं।
IDF के शहीदों पर नेतन्याहू ने जताया शोक
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान में आईडीएफ के शहीद सैनिकों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, "हम ईरान की बुराई की धुरी के खिलाफ एक कठिन युद्ध लड़ रहे हैं। यह धुरी हमें नष्ट करना चाहती है, लेकिन ऐसा नहीं होगा। हम एकजुट रहेंगे और ईश्वर की मदद से इस युद्ध में जीत हासिल करेंगे।"
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मिडिल ईस्ट का यह संघर्ष दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है, और इस क्षेत्र में शांति स्थापित करना अब एक बड़ी चुनौती बन गई है।