कश्मीर के सोपोर में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को घेरा, मुठभेड़ जारी

कश्मीर के सोपोर इलाके में छिपे हुए आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गुरुवार को मुठभेड़ शुरू हो गई।अधिकारियों ने बताया कि सोपोर के पानीपोरा इलाके में छिपे हुए आतंकवादियों के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान शुरू किया।

कश्मीर के सोपोर में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को घेरा, मुठभेड़ जारी
कश्मीर के सोपोर में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को घेरा, मुठभेड़ जारी

श्रीनगर: कश्मीर के सोपोर इलाके में गुरुवार को छिपे हुए आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। अधिकारियों के अनुसार, सोपोर के पानीपोरा इलाके में आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान चलाया।

जैसे ही सुरक्षा बल आतंकियों के ठिकाने के करीब पहुंचे, आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद मुठभेड़ तेज हो गई। खबर लिखे जाने तक दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी जारी थी।

दो-तीन आतंकवादियों के फंसे होने की आशंका

सूत्रों के अनुसार, इलाके में 2-3 आतंकवादियों के छिपे होने की संभावना है। सुरक्षा बलों ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया है, ताकि आतंकवादी भाग न सकें।

हाल के दिनों में बढ़ी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई

जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने अपनी कार्रवाई को तेज कर दिया है। पिछले 48 घंटों में, दो आतंकवादी मारे गए हैं। एक आतंकवादी को कुपवाड़ा जिले के लोलाब इलाके में और दूसरे को बांदीपोरा के केटसन के जंगलों में ढेर किया गया है।

पिछले हमलों का विवरण

गौरतलब है कि गत 20 अक्टूबर को गांदरबल के गगनगीर इलाके में आतंकवादियों ने एक निर्माण कंपनी के श्रमिक शिविर पर हमला कर 7 लोगों की हत्या कर दी थी। इसके बाद 24 अक्टूबर को बारामूला जिले के गुलमर्ग के बूटा पाथरी इलाके में सेना के एक वाहन पर हमला कर 3 सैनिकों और 2 पोर्टरों की हत्या कर दी थी।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का कड़ा संदेश

इन हमलों के बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सख्त बयान देते हुए कहा कि इन घटनाओं में शामिल आतंकवादियों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा, "नागरिकों के खून की एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा।"

सोपोर: अलगाववाद का गढ़

सोपोर इलाका लंबे समय से अलगाववादी गतिविधियों का केंद्र रहा है। 1990 के दशक से यहां कई आतंकवादी संगठन सक्रिय रहे हैं। हालांकि, हाल में हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के दौरान सोपोर के लोगों ने बड़े पैमाने पर मतदान करके मुख्यधारा में लौटने का संकेत दिया है।

सोपोर की मौजूदा स्थिति और सुरक्षा बलों की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। मुठभेड़ के बाद क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।