यौन उत्पीड़न मामले में बृज भूषण शरण सिंह की याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब तलब
दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। यह याचिका उनके खिलाफ चल रहे यौन उत्पीड़न के मामलों की कार्यवाही को रद्द करने की मांग करती है। सिंह ने याचिका में आपराधिक कार्यवाही को खारिज करने और इस पर जल्द सुनवाई की मांग की है।

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। यह याचिका उनके खिलाफ चल रहे यौन उत्पीड़न के मामलों की कार्यवाही को रद्द करने की मांग करती है। सिंह ने याचिका में आपराधिक कार्यवाही को खारिज करने और इस पर जल्द सुनवाई की मांग की है।
मामले की संक्षिप्त सुनवाई
मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने पूछा कि इस याचिका में जल्द सुनवाई का आधार क्या है। क्या मुकदमे में किसी गवाह से पूछताछ की गई है? इस पर अदालत ने दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संजीव भंडारी से जवाब तलब किया है। भंडारी ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने मामले में नोटिस स्वीकार कर लिया है और अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होनी तय की गई है।
आरोपी की मांग
बृज भूषण शरण सिंह ने अदालत से मांग की है कि जब तक उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं होती, तब तक आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाई जाए। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि उन पर लगे आरोप निराधार हैं और उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है। सिंह ने इस मामले में शीघ्र न्याय की मांग की है, ताकि वह अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें।
इस मामले में आरोपी एक अन्य व्यक्ति, डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर, जिन्होंने पहलवानों को धमकाने के आरोपों का सामना किया है, ने भी इसी प्रकार की राहत के लिए अदालत से अनुरोध किया है। उन्होंने भी आपराधिक मुकदमे पर रोक लगाने की अपील की है।
अगली सुनवाई 16 दिसंबर को
अब इस याचिका पर विस्तृत सुनवाई 16 दिसंबर को की जाएगी, जिसमें दिल्ली सरकार अपना पक्ष रखेगी। न्यायालय ने फिलहाल इस मामले पर कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया है।