गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तैयारी: जिलाधिकारी ने व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया
10 मई को गंगोत्री धाम के कपाट खुलने वाले हैं, जिसके लिए उत्तरकाशी जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने गंगोत्री धाम पहुंचकर यात्रा की तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं, यात्री पंजीकरण केंद्र और पार्किंग व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं, स्ट्रीट लाइट, सफाई और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था का निरीक्षण किया।
उत्तरकाशी / विनीत कंसवाल : 10 मई को गंगोत्री धाम के कपाट खुलने वाले हैं, जिसके लिए उत्तरकाशी जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने गंगोत्री धाम पहुंचकर यात्रा की तैयारियों का निरीक्षण किया।
उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं, यात्री पंजीकरण केंद्र और पार्किंग व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं, स्ट्रीट लाइट, सफाई और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि गंगोत्री में सड़क पर अतिक्रमण हटाकर श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए अलग-अलग लेन बनाई जाएं। उन्होंने कहा कि भागीरथी नदी के दूसरे तट पर घाटों का विस्तार करने और टनल पार्किंग स्थल बनाने की योजनाएं तैयार की जाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि गंगोत्री धाम में वीआईपी पार्किंग तक वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई जाएगी और श्रद्धालुओं को मुख्य पार्किंग स्थल से गंगोत्री मंदिर तक पैदल या बसों से जाना होगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि गंगोत्री धाम में आने वाले पांच से दस सालों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अवस्थापना विकास की योजनाएं तैयार की जाएंगी।
इस दौरान जिलाधिकारी ने गंगोत्री में प्रस्तावित टनल पार्किंग स्थल का भी निरीक्षण किया और एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों को टनल पार्किंग की परियोजनाओं की डीपीआर तैयार करने की कार्रवाई को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने क्या-क्या निर्देश दिए:
- धाम में स्थापित अस्पताल में सभी जीवन रक्षक दवाओं, उपकरणों और ऑक्सीजन का स्टॉक बनाए रखना।
- चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को निरंतर अस्पतालों और मेडीकल रिलीफ पोस्ट पर उपलब्ध रहना।
- धाम में नियमित रूप से पेयजल की आपूर्ति करना।
- स्ट्रीट लाइट और सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाना।
- पार्किंग और ट्रैफिक का प्रबंधन सुव्यवस्थित ढंग से करना।
- बस अड्डे से गंगोत्री मंदिर तक का मार्ग चौड़ा करके श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग लेन बनाना।
- भागीरथी नदी के दूसरे तट पर घाटों का विस्तार करना।
- गंगोत्री धाम में भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अनेक स्थानों पर पुलों का निर्माण करना।