लोकसभा अध्यक्ष चुनाव: ओम बिरला या के सुरेश, कौन होगा बेहतर विकल्प?

18वीं लोकसभा में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है। इस चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार ओम बिरला का मुकाबला इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के सुरेश से है। मंगलवार को अध्यक्ष पद के लिए ओम बिरला के नाम पर आम सहमति बनती नजर आई थी, लेकिन डिप्टी स्पीकर पद की मांग पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तनातनी हो गई। दोनों दलों ने मंगलवार को ही अपने-अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर लोकसभा में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।

लोकसभा अध्यक्ष चुनाव: ओम बिरला या के सुरेश, कौन होगा बेहतर विकल्प?
लोकसभा अध्यक्ष चुनाव: ओम बिरला या के सुरेश, कौन होगा बेहतर विकल्प?

नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है। इस चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार ओम बिरला का मुकाबला इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के सुरेश से है। मंगलवार को अध्यक्ष पद के लिए ओम बिरला के नाम पर आम सहमति बनती नजर आई थी, लेकिन डिप्टी स्पीकर पद की मांग पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तनातनी हो गई। दोनों दलों ने मंगलवार को ही अपने-अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर लोकसभा में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।

एनडीए ने ओम बिरला को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि इंडिया गठबंधन की ओर से के सुरेश मैदान में हैं। लोकसभा स्पीकर पद के लिए बीजेपी ने तीन लाइनों का व्हिप जारी करते हुए अपने सांसदों से अपील की है कि वे सदन में उपस्थित रहें। वहीं, कांग्रेस ने भी अपने सभी सदस्यों से निवेदन किया है कि वे सदन में उपस्थित रहें। दोनों दलों ने इस संदेश को बेहद महत्वपूर्ण बताया है।

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इसी कड़ी में वाईएसआरसीपी ने स्पष्ट किया है कि वह ओम बिरला का समर्थन करेगी। वाईएसआरसीपी के पास चार सांसद हैं।

एनडीए ने विपक्ष की सशर्त समर्थन की मांग को अस्वीकार कर दिया, जिसके कारण सहमति नहीं बन पाई। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि स्पीकर किसी पार्टी का पद नहीं है, बल्कि पूरी संसद का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि बहुमत का सम्मान किया जाना चाहिए। मांझी ने यह भी कहा कि पहले सभापति पर फैसला हो जाए और जब उपसभापति का मामला आएगा तब मिल-बैठकर फैसला किया जाएगा।

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एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि परंपरा रही है कि सत्ताधारी दल को स्पीकर का पद मिलता है और डिप्टी स्पीकर का पद विपक्षी पार्टी को जाता है। लेकिन पिछले 10 सालों में यह परंपरा टूट गई है। पवार ने सुझाव दिया था कि स्पीकर पद का निर्विरोध चुनाव होना चाहिए, लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष में सहमति नहीं बन पाई है। ऐसे में अब देखना है कि ओम बिरला रिकॉर्ड बनाते हैं या के सुरेश को स्पीकर का पद मिलता है।