बिहार में बाढ़ का खतरा: कोसी, गंडक और महानंदा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, क्योंकि कोसी, गंडक, महानंदा और उनकी सहायक नदियां उफान पर हैं। शनिवार शाम करीब छह बजे सुपौल जिले के बीरपुर बराज पर तीन लाख तीन हजार 860 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो इस साल का अधिकतम डिस्चार्ज है। 

बिहार में बाढ़ का खतरा: कोसी, गंडक और महानंदा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
बिहार में बाढ़ का खतरा: कोसी, गंडक और महानंदा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

पटना : बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, क्योंकि कोसी, गंडक, महानंदा और उनकी सहायक नदियां उफान पर हैं। शनिवार शाम करीब छह बजे सुपौल जिले के बीरपुर बराज पर तीन लाख तीन हजार 860 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो इस साल का अधिकतम डिस्चार्ज है। 

कोसी बराज में अधिक पानी होने के कारण इसके 39 फाटक खोल दिए गए हैं। वहीं, वाल्मीकिनगर बराज पर गंडक नदी से करीब दो लाख 18 हजार क्यूसेक पानी शनिवार दोपहर दो बजे छोड़ा गया, जो इस साल का भी अधिकतम डिस्चार्ज था। इस पानी के प्रवाह ने निचले इलाकों में खतरे की घंटी बजा दी है।

महानंदा नदी का जलस्तर भी किशनगंज जिले में खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। इस स्थिति के कारण रविवार तक किशनगंज सहित पूर्णिया और कटिहार जिलों में जलस्तर में और बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। 

स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें सतर्क हैं और प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य जारी हैं। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जहां भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

बाढ़ की इस आपदा ने राज्य में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कृषि क्षेत्रों में फसलें बर्बाद हो गई हैं और सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात व्यवस्था बाधित हो गई है। 

सरकार ने प्रभावित जिलों के लिए आपातकालीन सहायता की घोषणा की है और संबंधित विभागों को हर संभव सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।