बिजली माफी की मांग को लेकर किसानों का विरोध , हरिद्वार में किसान क्रांति दल का चिंतन शिविर आयोजित
बिजली माफी की मांग को लेकर किसानों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार को हरिद्वार में भागीरथी बिंदु पर आयोजित भारतीय किसान यूनियन के किसान क्रांति दल के किसानों ने एक दिवसीय चिंतन शिविर में 14 सूत्रीय एजेंडे पर मोहर लगाई। इस शिविर में पहुंचे किसानों ने एक स्वर में उत्तराखंड सरकार से मांग की कि उन्हें बिजली मुफ्त दी जाए, क्योंकि उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश है और यहां बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन होता है।

हरिद्वार / नरेश तोमर : बिजली माफी की मांग को लेकर किसानों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार को हरिद्वार में भागीरथी बिंदु पर आयोजित भारतीय किसान यूनियन के किसान क्रांति दल के किसानों ने एक दिवसीय चिंतन शिविर में 14 सूत्रीय एजेंडे पर मोहर लगाई। इस शिविर में पहुंचे किसानों ने एक स्वर में उत्तराखंड सरकार से मांग की कि उन्हें बिजली मुफ्त दी जाए, क्योंकि उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश है और यहां बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन होता है।
किसान नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि बीते लोकसभा चुनावों में किसानों की नाराजगी भाजपा को उठानी पड़ी है। लिहाजा, उत्तराखंड सरकार को किसानों को फौरी तौर पर राहत प्रदान करनी चाहिए। किसानों ने गन्ना किसानों के लिए ₹800 प्रति कुंतल रेट निर्धारित करने और पूरे राज्य के किसानों के लिए एक समान योजना बनाने की भी वकालत की।
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किसानों ने राज्य सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो आगामी चुनावों में किसान इसका मुंह तोड़ जवाब देंगे। शिविर में पहुंचे किसानों ने भागीरथी बिंदु के विकास के लिए राज्य सरकार से ₹2 करोड़ देने की मांग भी उठाई।
किसानों का यह विरोध उत्तराखंड में बढ़ते असंतोष का संकेत है। उनकी मांगें राज्य सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं, खासकर आगामी चुनावों के मद्देनजर। बिजली माफी के अलावा, गन्ना किसानों के लिए उचित दरें और राज्यव्यापी एक समान योजना की मांगें उनके आंदोलन के प्रमुख बिंदु हैं।
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यह देखना दिलचस्प होगा कि उत्तराखंड सरकार इन मांगों को किस तरह से संभालती है और किसानों को कैसे राहत प्रदान करती है। वर्तमान परिस्थितियों में, किसानों का समर्थन हासिल करना राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, और यह विरोध उनके भविष्य की रणनीतियों को प्रभावित कर सकता है।